आध्यात्म

रावण एवं होलिका: एक प्रतीक या अवसर?

दशहरे में रावण का पुतला जलाने की परंपरा संभवतः सैकड़ों या फिर हजारों सालों से रही है। होली से पहले […]

रावण एवं होलिका: एक प्रतीक या अवसर? Read More »

हनुमान जी सूर्य को कैसे निगल गए थे?

बाल समय रवि भक्षि लियो तब तिनहु लोक भयौ अँधियारा ….. युग सहस्त्र योजन पर भानु, लिल्यों ताही मधुर फल

हनुमान जी सूर्य को कैसे निगल गए थे? Read More »

भगवान विष्णु से सीखें ये ‘पेरेंटिंग टिप्स’

कहते हैं बच्चों को जन्म देना आसान है लेकिन माता पिता बनना बहुत मुश्किल है। भारत में भगवान विष्णु को

भगवान विष्णु से सीखें ये ‘पेरेंटिंग टिप्स’ Read More »

सरस्वती का हाथ अभय मुद्रा में क्यों नहीं होता?

प्रत्येक भारतीय देवी देवताओं का एक प्रतीक शास्त्र होता है। चार या अधिक हाथ इसकी एक मौलिक विशेषता है जो

सरस्वती का हाथ अभय मुद्रा में क्यों नहीं होता? Read More »

बेटी कोई वस्तु तो नहीं, फिर कन्यादान क्यों

आजकल कुछ बौद्धिकतावादी लोग कहने लगे हैं कि बेटी कोई वस्तु नहीं तो फिर विवाह में कन्यादान क्यों करूँ? एक

बेटी कोई वस्तु तो नहीं, फिर कन्यादान क्यों Read More »

तैतीस कोटि देवी-देवताओं का रहस्य

हम भारतीय लोगों ने कभी-न-कभी तैतीस कोटि देवी-देवाओं के विषय में अवश्य सुना होगा। कभी मज़ाक में, कभी व्यंग्य में,

तैतीस कोटि देवी-देवताओं का रहस्य Read More »

अहल्या: आत्मबल से आत्मसम्मान की एक प्रेरक गाथा  

सिद्धाश्रम से मिथिला जाने के क्रम में राम ने जो सबसे प्रसिद्ध कार्य रास्ते में किया, वह है अहल्या को

अहल्या: आत्मबल से आत्मसम्मान की एक प्रेरक गाथा   Read More »