अनाथालय में बदलता समाज
एक दिन एक वृदधा न्यायालय की चक्कर लगाती मिली। पूछने पर पता चला कि उनका कोई अपना नहीं था। “ससुराल, […]
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एक दिन एक वृदधा न्यायालय की चक्कर लगाती मिली। पूछने पर पता चला कि उनका कोई अपना नहीं था। “ससुराल, […]
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प्रत्येक भारतीय देवी देवताओं का एक प्रतीक शास्त्र होता है। चार या अधिक हाथ इसकी एक मौलिक विशेषता है जो
सरस्वती का हाथ अभय मुद्रा में क्यों नहीं होता? Read More »
क्यों है चर्चा में पॉपकॉर्न माइंड? मानसिक स्वस्थ्य के क्षेत्र में आजकल एक शब्द चर्चा में है ‘पॉपकॉर्न ब्रेन’ या
पॉपकॉर्न माइंड: एक नई महामारी Read More »
कुछ दिन पहले कुछ दोस्तों के साथ एक वृद्धाश्रम जाने का अवसर मिला। यह एक निःशुल्क वृद्धाश्रम था जहां समान्यतः
घटते मूल्य: बढ़ते वृद्धाश्रम Read More »
कहते हैं श्रवण कुमार के माता-पिता अंधे थे। इसलिए उन्हें छोड़ कर श्रवण कुमार ने धनार्जन के लिए अन्यत्र जाना
कन्या पूजन और श्रवण कुमार के देश में वृद्धाश्रम! Read More »
आजकल कुछ बौद्धिकतावादी लोग कहने लगे हैं कि बेटी कोई वस्तु नहीं तो फिर विवाह में कन्यादान क्यों करूँ? एक
बेटी कोई वस्तु तो नहीं, फिर कन्यादान क्यों Read More »
पिछले दिनों एक छोटी सी न्यूज आई थी जिसने कई लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। यह न्यूज़ यह था
जरूरी है तनमन का संतुलन Read More »
जीवन का आरंभ जैसे उत्सव के साथ होता है, इसका अंत भी वैसे ही उत्साह और खुशी से क्यों न
सेलिब्रेशन ऑफ लाइफ Read More »
इस दुनिया में सब कुछ परिवर्तनशील है केवल एक अटल सत्य को छोड़ कर। वह सत्य है मृत्यु। मृत्यु अपनी
जिंदगी को जश्न कैसे बनाएँ Read More »
हम भारतीय लोगों ने कभी-न-कभी तैतीस कोटि देवी-देवाओं के विषय में अवश्य सुना होगा। कभी मज़ाक में, कभी व्यंग्य में,
तैतीस कोटि देवी-देवताओं का रहस्य Read More »